दौसा ग्रामीण. विदेश में मजदूरी करने गए स्थानीय लोग कमरों में बंद रहकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। दुबई में सरकार ने कोरोना के चलते एक माह का अवकाश घोषित कर कम्पनियों व फैक्ट्रियों में काम कर रहे भारतीय लोंगो को एक माह का इकट्ठा राशन उपलब्ध कराकर कमरों में ही रहने के फरमान जारी कर दिए।
कालाखोह निवासी गुलाब देवी ने बताया कि उसके बेटे मुकेश, लालाराम, हीरालाल, किलाण सहाय व रामप्रसाद 8 माह पहले दुबई में मजदूरी करने के लिए गए थे। सभी एक जगह रहकर कम्पनी में मजदूरी कर रहे थे। दुबई में काम कर रहे हीरालाल बैरवा ने व्हाट्सएप कालिंग कर बताया कि कोरोना के चलते स्कूल आफिस, माल, होटल व कम्पनियों को एक माह तक बंद रखने के आदेश जारी कर दिए।
कम्पनियों ने सभी मजदूरों को एक माह का राशन देकर एक एक कमरे में ही चार लोगों को रहने व बिना अनुमति बाहर नहीं निकलने के फरमान जारी कर दिए। दो दिन से कमरों में ही बंद हैं। भांडारेज निवासी रामस्वरूप बैरवा ने बताया कि दो दिन पहले तक मुंह पर मास्क लगाकर मजदूरी पर काम कर रहे थे। लेकिन 18 मार्च की रात सभी कम्पनियों को एक माह तक सरकार ने छुट्टी रखने के आदेश मिल गए।
बाजारों में सन्नाटा, फ्लाइट बंद, स्वदेश कैसे लौटे
दुबई में रह रहे लश्करिया ढाणी निवासी रामस्वरूप ने बताया कि कम्पनी के लोग केवल रात्रि को घरवालों से बात करने के लिए अपने फोन के साथ कूपन देते हैं, जिससें घरवालों को अपनी व्यथा बता देते हैं। बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। फ्लाइट बंद हो जाने के कारण देश भी वापिस नहीं लौट सकते हैं। दुबई में रह रहे रामेश्वर, संदीप, विक्की ने बताया कि बंद रखने के आदेश जारी होते ही मन में देश लौटने की इच्छा थी। लेकिन प्लाइट बंद होने व 15 दिन तक सरकार द्वारा आइसोलेशन वार्ड में रहने के बाद ही घर लौटने की जानकारी मिलने के कारण वतन भी नहीं लौट सकते। परिजनों ने बताया कि महामारी फैलने की सूचना के बाद नींद उडी हुई है। कलेजे के टुकडोे को वायरस चपेट में नहीं ले ले यही बात दिमाग में घूमती रहती है। भांडारेज निवासी दयाचन्द बैरवा, मुकेश बैरवा, लालाराम बैरवा, गिर्राज प्रसाद बैरवा, जैसे अन्य लोग दुबई सहित आसपास के देशों में काम कर रहे हैं।